देश की आजादी के तुरंत बाद 1948 में भारत और पाकिस्तान में कश्मीर को लेकर पहला युद्ध लड़ा गया।  तब से लेकर अब तक 5 युद्ध, जिनमें चार पाकिस्तान के साथ और एक 1962 में चीन के साथ लड़ा जा चुका है।  भारत की सैन्य तैयारियों का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 1962 में जब चीन ने हिंद चीनी भाई-भाई के नारे के बीच धोखे से थांगला रिज पर हमला कर भारत के बड़े भूभाग पर कब्जा कर लिया था और भारतीय सैनिक अपने अदम्य शौर्य और साहस के बावजूद बलिदान की भेंट चढ़ गए थे, जिसके पीछे एक बड़ा कारण भारतीय सेना के पास आधुनिक साजो सामान की कमी था। स्वचालित हथियार तो छोड़िए भारतीय सैनिकों के पास ढंग के कपड़े और जूते तक नहीं थे। ऐसा नहीं था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को चीन के इरादों की भनक नहीं थी, लेकिन उनका मानना था कि साधु-संतों के देश पर कौन हमला नहीं करेगा। बड़े भूभाग पर कब्जे के बावजूद संसद में एक सांसद के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था कि चीन द्वारा कब्जाए भारतीय भूभाग पर घास का एक तिनका भी नहीं उगता अर्थात ऐसे भूभाग पर चीन के कब्जा कर लेने से भारत का कोई नुकसान नहीं था। तब उनके अपने ही मंत्री महावीर त्यागी ने अपने गंजे सर को दिखाते हुए नेहरू से कहा था कि ''मेरे सर पर भी बाल नहीं उगते तो क्या मेरा सिर बेकार है'', गौरतलब है कि यह नेहरू पर कटाक्ष था, क्योंकि नेहरू के सर पर भी बाल नहीं थे। उस समय खुद चीन ने ही संघर्ष विराम घोषित कर दिया था। 

ऐसा समय कभी नहीं आया,जब भारत कह सकता कि उसकी सेना चीन से युद्ध करने में सक्षम है। वहीँ आज भारतीय सेना चीन के साथ-साथ, दो मोर्चों, चीन और पाकिस्तान से एक साथ जंग लड़ सकती है। भारतीय नेतृत्व लगातार सेना के आधुनिकीकरण को बढ़ावा दे रहा है। कोरोना के बाद चीन की बदनामी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन की घटती और भारत की बढ़ती साख और लगातार आगे बढ़ना चीन को अखर रहा है  

पूर्व में ऐसा समय कभी भी नहीं आया,जब भारत कह सकता हो कि उसकी सेना चीन से युद्ध करने में सक्षम है। वहीँ आज भारतीय सेना चीन के साथ-साथ, दो मोर्चों, चीन और पाकिस्तान से एक साथ जंग लड़ सकती है। आज भारत आत्मनिर्भरता की राह में आगे बढ़ने को तैयार है साथ ही भारतीय नेतृत्व भी चीन-पाकिस्तान के गठजोड़ से परेशान नहीं दिखता। भारतीय नेतृत्व लगातार सेना के आधुनिकीकरण को बढ़ावा दे रहा है। कोरोना के बाद चीन की बदनामी और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन की घटती और भारत की बढ़ती साख और लगातार आगे बढ़ना चीन को अखर रहा है।  

एक एयरस्ट्राइक से पाकिस्तान डरने लगा है वहीँ चीन को भारतीय सैनिक मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। यह भी बड़ा कारण है कि चीन को आज खुलकर भारत के सामने आना पड़ा है। 

भारतीय सेना का एक इतिहास यह भी रहा है इसने कभी भी अपनी ओर से किसी भी युद्ध की पहल नहीं की, आज स्थिति यह है की वर्तमान में भारत की बढ़ती आर्थिक और सैन्य ताकत से घबराकर चीन लगातार भारत को रोकने की कोशिश में सैन्य चुनौती दे रहा है, इसका दूसरा पहलू यह भी है कि आज पाकिस्तान भारत के मुकाबले ना तो आर्थिक और ना ही सैन्य स्तर पर कहीं ठहरता है। पाकिस्तान को भारत के खिलाफ  मोहरे के रूप में इस्तेमाल करना चीन के लिए आज महंगा सौदा साबित हो रहा है।  सिर्फ एक एयरस्ट्राइक से पाकिस्तान डरने लगा है वहीँ चीन को भारतीय सैनिक मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। यह भी बड़ा कारण है कि चीन को आज खुलकर भारत के सामने आना पड़ा है। 

विदेशी रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार भले ही चीन के पास भारत से ज्यादा बड़ी सेना और हथियार हो लेकिन भारतीय सेना हर परिस्थिति में चीन की सेना से बेहतर और अनुभवी है।

देश ही नहीं विदेशी रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार भले ही चीन के पास भारत से ज्यादा बड़ी सेना और हथियार हो लेकिन भारतीय सेना हर परिस्थिति में चीन की सेना से बेहतर और अनुभवी है। अब तो भारतीय सेना के पास ऐसे ऐसे खतरनाक हथियार हैं, जो चीन की सेना के पास भी नहीं है। अमेरिकी न्यूज़ वेबसाइट सीएनएन की एक रिपोर्ट अनुसार भारत की ताकत पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा है और भारत-चीन युद्ध की स्थिति में भारत का पलड़ा चीन पर भारी रह सकता है।